Raju Ladhroiea

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आंखों ही

आँखों आँखों में न जाने क्या इशारे हो गए....

मुस्कुरा कर जो देखा हम तुम्हारे हो गए....

हवा ने कुछ इस अदा से उड़ाया दुपट्टा उसका
लगा कि जमीन पर पैदा चांद सितारे हो गए....

उनके इश्क की आग दिल में ऐसे लगी....
आंखों में बसे वो ख्वाब, हसीन सारे हो गए…

उनका दिसंबर की ठंडी रात में छत पर आना…
वक्त के पन्नों में गुम वो दिलकश नज़ारे हो गए..

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3 Comments

Shaba

18-Feb-2021 12:04 PM

जब लिखने पर आते हैं, तो क्या आते हैं आप। 😇 बहुत खूबसूरत।

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Natash

17-Feb-2021 07:49 PM

👍👍👍

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waah waah

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